*रेलवे लाइन भूमि अधिग्रहण के दौरान कथित गड़बड़ी,मुआवजा के नाम पर भ्रष्टाचार, उजागर तीन कर्मचारी निलंबित जानिए क्या है पूरा मामला* 

रिपोर्ट /नर्सिंग उपाध्याय महराजगंज 

उप संपादक 

महराजगंज जिले के रेलवे की घुघली-आनंदनगर बाया महराजगंज नई रेल लाइन परियोजना में भूमि अधिग्रहण के दौरान कथित गड़बड़ी और मुआवजा बढ़ाने के नाम पर की गई ठगी के मामले में अपर जिलाधिकारी न्यायिक नवनीत गोयल की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने तीन लोगों को दोषी पाया है। उन्होंने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी ने उ.प्र. सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली–1956 के नियम 3 एवं 11 का उल्लंघन पाए जाने पर उ.प्र. सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली–1999 के नियम–7 के अंतर्गत आकाश चन्द बादल को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

मामला सदर तहसील क्षेत्र के पकड़ी नौनिया का है। शिकायतकर्ता मोहम्मद उमर खान ने 06 अक्टूबर को जिलाधिकारी को दिए अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था, कि आकाश चंद बादल ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर उनकी भूमि की मालियत बढ़ाकर अधिक मुआवजा दिलाने का झांसा देकर 42 लाख रुपये की ठगी की। पीड़ित के अनुसार, लेखपाल ने भरोसा दिलाया था कि यदि धनराशि दी जाए तो जमीन की मूल्यांकन दर बढ़ाकर अधिक मुआवजा मिल सकता है। इसी धोखे में आकर उन्होंने अपने तीन भाइयों – मोहम्मद जहागीर खान से 15.78 लाख, मोहम्मद आमिर खान से 10.44 लाख और स्वयं के नाम से 15.78 लाख के तीन चेक आरोपितों को दिए। उमर खान का आरोप है, कि ये सभी चेक प्रेमचंद नामक व्यक्ति के खाते में जमा कर राशि निकाल ली गई। धन वापस मांगने पर आरोपितों ने धमकी देते हुए पैसा देने से मना कर दिया।

शिकायत के बाद जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने मामले की जांच एडीएम न्यायिक नवनीत गोयल को सौंपी थी। एडीएम (न्यायिक) नवनीत गोयल की जांच में तीन लोग दोषी पाए गए, जिसके आधार पर आकाश चंद को जिलाधिकारी ने तत्काल निलम्बित करते हुए अग्रिम कार्यवाही का आदेश दिया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की स्पष्ट नीति है कि भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहिष्णुता को अपनाया जाए। अतः इस प्रकार के कृत्य को किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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