रिपोर्ट/विप्लव मद्धेशिया
ठूठीबारी महाराजगंज
*निर्माण अनियमितता जांच
*मनरेगा व इंटरलॉकिंग विवाद
*ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार मामला
शिकायतकर्ता के शिकायत पर सिंचाई विभाग की टीम ने नाली, इंटरलॉकिंग और मनरेगा पार्क कार्यों की पड़ताल, रिपोर्ट डीएम को सौंपने की तैयारी।
ठूठीबारी/महराजगंज निचलौल: ब्लॉक का सबसे चर्चित ग्राम पंचायत गांव निपनिया एक बार फिर सुर्खियों में है। गांव में कराए गए निर्माण कार्यों में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले राजू मद्धेशिया की शिकायत पर बीते बुधवार को सिंचाई विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
शिकायतकर्ता राजू मद्धेशिया ने बीते मई माह में जिलाधिकारी को छह बिंदुओं पर विस्तृत शिकायत सौंपते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में कराए गए निर्माण कार्यों की जांच की मांग की थी। शिकायत में ग्राम प्रधान पर नाली निर्माण, हैंडपंप मरम्मत, इंटरलॉकिंग सड़क और मनरेगा पार्क जैसे कार्यों में भारी अनियमितता के आरोप लगाए गए थे।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि 22 जुलाई 2024 तक पंचायत में कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ, जबकि अभिलेखों में मजदूरी और भुगतान दर्शा दिया गया। शिव मंदिर से कुक्कुर के घर तक कराए गए कार्य में क्षेत्र पंचायत द्वारा स्वीकृत स्टीमेट के विपरीत निर्माण कराया गया। निपनिया नहर से प्राथमिक विद्यालय तक बनाई गई इंटरलॉकिंग सड़क मानकविहीन होने के कारण जगह-जगह से ध्वस्त हो चुकी है और नालियां टूट गई हैं।
इसी तरह सुग्रीम से छोटे लाल के घर तक कराए गए कार्य में घटिया सामग्री के प्रयोग से इंटरलॉकिंग और नाली पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मनरेगा पार्क निर्माण में भी मानकों की अनदेखी करते हुए कम मिट्टी भराई कराई गई, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) ने गांव पहुंचकर शिकायत के प्रत्येक बिंदु की स्थलीय जांच की। टीम ने निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से भी बातचीत की। मौके पर मौजूद कई ग्रामीणों ने शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि की।
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश निर्माण कार्यों में मानकों का पालन नहीं किया गया। कई स्थानों पर इंटरलॉकिंग उखड़ चुकी है, नालियां टूट गई हैं और मनरेगा पार्क में अधूरी मिट्टी भराई के कारण उसका स्वरूप बिगड़ गया है। ग्रामीणों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। जांच टीम अपनी रिपोर्ट जिले के उच्चधिकारीको सौंपेगी। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यदि आरोप सही पाए गए तो संबंधित ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।