रिपोर्ट राकेश त्रिपाठी प्रधान संपादक
निजी खाते में सरकारी धन—जवाबदेही तय होगी या फिर मामला दबेगा?
महराजगंज। मनरंगा पार्क में कार्य पूर्ण होने के बाद “मिट्टी खनन” के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा एक व्यक्ति के निजी बैंक खाते में ₹1,32,000 के भुगतान का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस प्रकरण को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने ग्राम प्रधान अखिलेश यादव और तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव राजू रामचंद्रन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वहीं, सोमवार को डीसी मनरेगा ने निचलौल के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) से भी इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।
मामला निचलौल विकासखंड की गेड़िया ग्राम पंचायत से जुड़ा है, जहां मनरेगा पार्क में मिट्टी कार्य के भुगतान के नाम पर 15 अक्टूबर 2024 को प्रधुमनधर दुबे नामक व्यक्ति के खाते में ₹1,32,000 ट्रांसफर किए गए। नियमों के अनुसार, मनरेगा सहित किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों का भुगतान केवल अधिकृत फर्म, संस्था या निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही किया जा सकता है। किसी व्यक्ति के निजी बैंक खाते में भुगतान किया जाना न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि इसे सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की श्रेणी में भी रखा जाता है।
इसी आधार पर डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने ग्राम प्रधान अखिलेश यादव और तत्कालीन सचिव राजू रामचंद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी मनरेगा गौरतंदव सिंह ने निचलौल के बीडीओ से यह स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर किस आधार पर निजी खाते में भुगतान किया गया।
स्थानीय स्तर पर यह चर्चा भी जोरों पर है कि सचिव राजू रामचंद्रन पहले भी कई बार विवादों के घेरे में रहे हैं, लेकिन हर बार विभागीय कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली जाती है। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस बार वास्तव में जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह हवा-हवाई होकर रह जाएगा।
फिलहाल प्रशासनिक नोटिसों के बाद निगाहें जांच और आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।