रिपोर्ट/ राकेश त्रिपाठी महाराजगंज
प्रधान संपादक
महराजगंज: जिला कारागार से आज चीन की रहने वाली एक महिला को रिहा किया गया है। महिला जिला कारागार महराजगंज में दिनांक 26/06/2024 से ही निरूद्ध थी। महिला के पास लीगल कागजात न रहने के कारण थाना सोनौली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चीनी महिला के वाद के संदर्भ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महराजगंज द्वारा नि:शुल्क अधिवक्ता मुहैया कराया गया। जिसमें सहायक, लीगल एड डिफेन्स कॉउन्सिल ज्ञानेंद्र कुमार मिश्र को जिम्मेदारी सौंपी गई जिनके द्वारा दोषसिद्ध महिला का केस निष्ठापूर्वक देखते हुए आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में बहस कर महिला की रिहाई करायी गई है।
जानिए क्या था मामला?
राज्य उत्तर प्रदेश बनाम सीएआई जियाहोंग ऊर्फ हेलेन के वाद में चीन देश के महिला नागरिक को आज जिला कारागार से रिहा किया जायेगा। चीन देश की महिला नागरिक पर आरोप था कि वह बिना वैद्य कागजात के भारत देश में थाना-सौनोली बार्डर रास्ते भारत देश में प्रवेश कर रही थी। सौनोली बार्डर एस०एस०बी० जवान द्वारा संदेह होने पर बार्डर पर ही रोक कर पुछताछ की गयी जिसमें विदेशी महिला द्वारा कोई वैद्य कागजात /बीजा, पासपोर्ट नही दिखा सकी। एस०एस०बी० जवान द्वारा थाना सौनोली को सुपुर्द कर दिया गया। थाना सौनोली द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में रिमाण्ड के लिए पेश किया गया। न्यायालय द्वारा अभियुक्ता को रिमाण्ड पर जिला कारागार महराजगंज भेजा गया।
जिला कारागार से विदेशी महिला सीएआई जियाहोंग ऊर्फ हेलेन ने निःशुल्क अधिवक्ता की मांग की जिसपर जिला कारागार द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निःशुल्क अधिवक्ता हेतु आवेदन किया गया। आवेदन मिलने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने ज्ञानेन्द्र कुमार मिश्र, सहायक लीगल एड डिफेन्स कॉउन्सिल को निःशुल्क विधिक सहायता हेतु आदेशित किया गया।
सह० लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल ज्ञानेंद्र कुमार मिश्र ने निष्ठापूर्वक लड़ा चीनी महिला का केस:
सचिव के आदेशानुसार विदेशी महिला नागरिक के मुकदमें का गहन अध्ययन किया तत्पश्चात उपरोक्त पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सभी गवाहों का जिरह किया एवं कोर्ट के समक्ष उक्त अभियुक्ता के पक्ष में जोरदार बहस किया।
अभियोजन अधिकारी द्वारा अपनी तर्कों को रखा गया। न्यायालय द्वारा सभी गवाह जिरह एवं दोनों पक्षों के बहस को सुनने के पश्चात अपना निर्णय दिया। निर्णय में न्यायालय द्वारा उक्त अभियुक्ता को उक्त अपराध में दोषसिद्ध किया। दोषसिद्ध पर पुनः ज्ञानेन्द्र कुमार मिश्र द्वारा कम से कम सजा के बिन्दु पर बहस किया तथा अभियोजन अधिकारी द्वारा अधिक से अधिक सजा की मांग की गयी।
दोषसिद्ध पर न्यायालय द्वारा सीएआई जियाहोंग ऊर्फ हेलेन को एक वर्ष, तीन माह के साधारण कारावास एवं पाँच सौ रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड न जमा करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।