ब्यूरो/राजीव त्रिपाठी महाराजगंज
सह संपादक
महराजगंज, 20 नवम्बर 2025, जिलाधिकारी सन्तोष कुमार शर्मा ने आज बड़हरा रानी में फार्मर रजिस्ट्री एवं विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम के कार्यों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने पंचायत भवन पर संचालित फॉर्मर रजिस्ट्री की प्रगति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि ग्रीन सूची के अंतर्गत 28 किसानों तथा सूची से बाहर के 12 किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री की जा चुकी है। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाकर पात्र किसानों को शीघ्र रजिस्ट्री पूर्ण करने हेतु प्रेरित किया जाए।

किसानों से संवाद करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी समय में सरकार की अधिकांश कृषि योजनाएँ, सब्सिडी, खाद–बीज वितरण एवं अन्य लाभकारी सुविधाएँ केवल उन्हीं किसानों को उपलब्ध होंगी जिनकी फॉर्मर रजिस्ट्री पूर्ण होगी। इससे वास्तविक किसानों की पहचान सुनिश्चित होगी और फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक लग सकेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि सभी पात्र किसान बिना किसी देरी के अपनी रजिस्ट्री पूर्ण कराएं, ताकि किसी भी सुविधा से वंचित न रह जाएं।
जिलाधिकारी ने विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बीएलओ द्वारा की जा रही गणना प्रपत्रों के वितरण, प्राप्ति एवं प्रपत्र भरवाने की प्रक्रिया की समीक्षा की। बीएलओ सत्यप्रकाश वर्मा एवं राजेंद्र प्रसाद ने अवगत कराया कि सभी मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर दिए गए हैं तथा उन्हें भरवाकर जमा कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन कार्य समानांतर रूप से किया जाए तथा प्रपत्रों के साथ संलग्न की जाने वाली तस्वीरें स्पष्ट एवं उच्च गुणवत्ता वाली हों। आवश्यकता पड़ने पर बीएलओ अपने मोबाइल से मतदाता की फोटो लेकर उसे संलग्न करें।
उन्होंने कहा कि एसआईआर का प्रमुख उद्देश्य शुद्ध, पारदर्शी एवं त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सही मतदाता सूची लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाती है।
बड़हरा रानी के बूथ संख्या 107 पर 1011 तथा बूथ संख्या 108 पर 853 मतदाता पंजीकृत हैं।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों को खेतों में पराली न जलाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, उत्पादन प्रभावित होता है तथा पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। उन्होंने पराली प्रबंधन के वैज्ञानिक उपायों एवं इसके वैकल्पिक उपयोग के बारे में किसानों को जागरूक किया।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी (वि/रा) डॉ. प्रशांत कुमार भी उपस्थित रहे।