रिपोर्ट नरसिंह उपाध्याय उपसंपादक
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा द्वारा सदर स्थित गो आश्रय स्थल अहमदपुर हड़हवा का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गो आश्रय स्थल में गोशेड, भूसा–चोकर, अलाव, पोषक आहार, उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, साफ-सफाई, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
निरीक्षण के समय जिलाधिकारी ने गोवंश के लिए उपलब्ध हरे एवं सूखे चारे की गुणवत्ता एवं मात्रा की जांच की। गोशाला में साइलेज के 48 पैकेट मौजूद थे। इसके अलावा 55 कुंतल भूसा, चोकर 20 कुंतल, पोषक आहार 70 बोरा सहित पेयजल व्यवस्था भी मौजूद पाया गया।। उन्होंने आश्रय स्थल परिसर की स्वच्छता, नालियों की सफाई, गोबर निस्तारण तथा शीत ऋतु को ध्यान में रखते हुए गोवंश को ठंड से बचाने हेतु की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी गोवंश स्वस्थ रहें, इसके लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं समय-समय पर पशु चिकित्सकों की विजिट सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित कर्मचारियों एवं केयरटेकर से बातचीत कर दैनिक कार्यप्रणाली की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गो आश्रय स्थल केवल संरक्षण का स्थान नहीं, बल्कि गोवंश के समुचित पालन-पोषण एवं कल्याण का केंद्र होना चाहिए। किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। आवश्यकतानुसार चारा, दवाइयों एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिया।
जिलाधिकारी ने खराब सोलर पैनल को ठीक कराने का निर्देश दिया। सीसीटीवी क्रियाशील था लेकिन नेट कनेक्टिविटी धीमा होने के कारण फीडिंग आईसीसीसी को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिलाधिकारी ने बेहतर नेट कनेक्टिविटी को सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
गोशाला में कुल 113 गोवंश संरक्षित थे। सभी के लिए अलाव की व्यवस्था मौजूद थी। भूसा–चोकर सहित अन्य पोषक आहार भी उपलब्ध थे।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी नोडल अधिकारियों द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्र के गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया गया। नोडल अधिकारियों ने गो आश्रय स्थलों में व्यवस्थाओं की स्थिति का जायजा लिया तथा जहां भी कमियां पाई गईं, उन्हें तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया कि गोवंश के लिए निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि गोवंश की सुरक्षा एवं देखभाल शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी गो आश्रय स्थल में अव्यवस्था या असुविधा न हो। नियमित निरीक्षण एवं सतत निगरानी के माध्यम से गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।