रिपोर्ट
नरसिंह उपाध्याय
नेपाल की राजनीति में इन दिनों बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। लगातार जारी राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता संघर्ष के बीच देश की कमान अब 73 वर्षीय पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की के हाथों में सौंपी गई है। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और अब उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है। भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के कारण वह जेन-ज़ी और युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय चेहरा हैं।
सुशीला कार्की का जीवन सफर काफी रोचक और संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने अपनी शिक्षा भारत से पूरी की। कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और आगे चलकर नेपाल में न्यायपालिका से जुड़ गईं। उनके काम करने का अंदाज़ हमेशा ईमानदारी और सख़्ती के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि न्यायपालिका में रहते हुए उन्होंने कई कड़े और ऐतिहासिक फैसले सुनाए।
उनकी निजी जिंदगी भी कम चर्चा में नहीं रही। उनके पति को लेकर एक ऐसा वाकया जुड़ा है जिसने उस समय पूरे नेपाल को हिला दिया था। दरअसल, उनके पति पर एक विमान को हाईजैक करने का आरोप लगा था। हालांकि बाद में परिस्थितियां बदलीं, लेकिन यह घटना लंबे समय तक लोगों की यादों में बनी रही। इसके बावजूद सुशीला कार्की ने अपने करियर और छवि को हमेशा साफ-सुथरा रखा।
आज जब नेपाल फिर से राजनीतिक संकट से गुजर रहा है, तब कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। उनके नेतृत्व से लोगों को उम्मीद है कि वे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उनकी कहानी यह साबित करती है कि संघर्षों और विवादों के बीच भी सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता इंसान को ऊँचाई तक ले जा सकता है।