महाराजगंज के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने उठाई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित चाकुओं की बिक्री की आवाज*

रिपोर्ट राकेश त्रिपाठी प्रधान संपादक 

 

महाराजगंज, 8 नवंबर 2025: गोरखपुर मंडल के जनपद महाराजगंज के अधिवक्ता विनय कुमार पांडे और सामाजिक कार्यकर्ता ने एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि अमेज़ॅन जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित चाकुओं की ऑनलाइन बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, जो न केवल आर्म्स एक्ट 1959 का उल्लंघन है, बल्कि एक साइबर अपराध भी है।अधिवक्ता विनय कुमार पांडे का कहना है कि इस प्रकार की बिक्री से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं:आम जनता, जिन्हें आर्म्स एक्ट की जानकारी नहीं है, भ्रमित होकर ऐसे चाकू खरीद रहे हैं।

अपराधी प्रवृत्ति के लोग और नाबालिग इन चाकुओं का प्रयोग आपराधिक गतिविधियों में कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स कंपनियां किचन नाइफ के नाम पर हमलावर डिजाइन वाले चाकुओं की बिक्री कर रही हैं।

लॉजिस्टिक कंपनियां बिना सत्यापन के ऐसे उत्पाद नाबालिगों तक पहुंचा रही हैं, जिससे अपराध की संभावना बढ़ती है।

अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने प्रदेश स्तर पर इस विषय में जन जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है। उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों को चेतावनी पत्र जारी करने की मांग की है कि यदि वे प्रतिबंधित हथियार बेचती पाई जाती हैं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, डिलीवरी एजेंटों और लॉजिस्टिक कंपनियों को निर्देशित करने की मांग की है कि वे डिलीवरी करते समय ग्राहक की आयु और पहचान की जांच करें, विशेषकर यदि उत्पाद प्रतिबंधित श्रेणी में आता हो।अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने साइबर क्राइम सेल को ऐसे मामलों की निगरानी और जांच हेतु विशेष दिशा-निर्देश देने की मांग की है। उनका कहना है कि इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेकर उचित कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए ताकि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुरक्षित और सशक्त बनाया जा सके।

अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने कहा, यह मुद्दा न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।

महाराजगंज के अधिवक्ता विनय कुमार पांडे की इस पहल से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित चाकुओं की बिक्री के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित हुआ है। यह देखना होगा कि सरकार और संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और कैसे इस समस्या का समाधान निकालते हैं।

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