*बिहार चुनाव के मद्देनजर निचलौल सीमा पर बड़ी कार्रवाई: 108 लीटर नेपाली शराब के साथ तस्कर गिरफ्तार*

रिपोर्ट /राकेश त्रिपाठी 

प्रधान सम्पादक 

महराजगंज/निचलौल: बिहार के चुनावी समर की संवेदनशीलता के बीच, आबकारी निरीक्षक वैभव कुमार यादव के कंधे पर सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा का गुरुतर भार है। उन्होंने मात्र गश्त नहीं, बल्कि आसूचना के अदृश्य धागों को बुनने और मुखबिर तंत्र की जड़ें मजबूत करने का बीड़ा उठाया है। निचलौल के सीमाई इलाके में उनका भ्रमण किसी सजग प्रहरी की भाँति जारी रहा।

 

आपको बता दें कि, गंडक नहर के पास, जहां भारत और नेपाल की सरहदें मिलती हैं, उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जाँबाज सहायक उप निरीक्षक टोकेश्वर गोगोई और बहुआर पुलिस चौकी के प्रभारी भूपेंद्र प्रताप सिंह के साथ एक अभेद्य सामंजस्य स्थापित किया। यह मेल किसी भी अवैध घुसपैठ के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक था।

 

तभी, आसूचना शाखा से एक मूक, किंतु सटीक संदेश आया— सीमा पार से ‘नेपाली मद का वाहक’ भारत की धरती पर उतर चुका है और चौकसी से पकड़ा जा सकता है। इस सूचना की गंभीरता ने समूचे दल में एक नई ऊर्जा का संचार किया। तत्काल, यह संयुक्त प्रहारी दल फुर्ती से कनमिसवा नाला पुल की ओर बढ़े। अर्धरात्रि के सन्नाटे में, सीमा सड़क के दक्षिण में एक आड़ में बैठ गए— मानो अवसर की ताक में, अंधेरे को ढाल बनाकर।

घेराबंदी की गई और वह व्यक्ति रंगे हाथों पकड़ा गया। उसके पास से तीन काली बोरियाँ मिलीं, जिनमें छिपा था 360 शीशियों का अवैध खजाना। यह कुल 108 लीटर नेपाली देशी शराब थी, जो सीमाई शांति को भंग करने और राजस्व को क्षति पहुँचाने का षड्यंत्र रच रही थी। पूछताछ की कसौटी पर, उस व्यक्ति ने अपना नाम नागेंद्र पासवान (पुत्र हीरालाल पासवान, 28 वर्ष, बहुआर कला) बताया। उसका यह कृत्य अवैध व्यापार के कलंक को स्पष्ट दर्शा रहा था।

 

नागेंद्र पासवान को उसी रात्रि संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 60/63 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। बरामद ‘विष-पान’ को जब्त किया गया और उसे कानून के समक्ष खड़ा कर दिया गया।

 

नेतृत्व की मशाल आबकारी निरीक्षक वैभव कुमार यादव, क्षेत्र 3, निचलौल के हाथ में थी। इस सफल अभियान ने स्पष्ट कर दिया कि सीमा पर चौकसी अटल है। भविष्य के लिए यह संकल्प लिया गया कि इस तस्करी में संलिप्त अन्य अदृश्य हाथों पर भी कठोर कार्रवाई किया जाएगा।

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