गौ रक्षक दल और बजरंग दल के कार्यकर्ता देख भड़के गाय का सड़ा हुआ शव , जिस पर कौवे झुंड बनाकर नोच रहे थे।

रिपोर्ट नरसिंह उपाध्याय

उप संपादक

 

गौ रक्षक दल और बजरंग दल के कार्यकर्ता देख भड़के गाय का सड़ा हुआ शव , जिस पर कौवे झुंड बनाकर नोच रहे थे।महराजगंज/जिले के निचलौल क्षेत्र के मदनपुरा स्थित गौ सदन की स्थिति बेहद दयनीय पाई गई है। गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे गौ रक्षक दल और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जब गौ सदन का निरीक्षण किया तो वहां का नजारा देखकर सब हैरान रह गए।

 

निरीक्षण के दौरान गौ सदन में एक गाय का सड़ा हुआ शव पड़ा मिला, जिस पर कौवे झुंड बनाकर नोच रहे थे। इतना ही नहीं, परिसर में दो गायें मरणासन्न अवस्था में मिलीं, जिनका कोई इलाज नहीं हो रहा था। गौ सदन परिसर में घुटने भर पानी भरा हुआ था। चारा पूरी तरह सड़ चुका था और बाड़े में गोबर फैला हुआ था। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें वहां कई जगह पर गायों के कंकाल भी मिले, जो इस बात का प्रमाण हैं कि लंबे समय से देखभाल की अनदेखी हो रही है।

 

गौ रक्षक दल और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए कि गौ सेवा के नाम पर नियुक्त कर्मचारियों ने चारे और अन्य सामग्रियों का निजी इस्तेमाल किया है, जबकि गौ सदन की दशा बदतर होती जा रही है।

 

मामले की जानकारी होते ही प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम निचलौल सिद्धार्थ गुप्ता, तहसीलदार अमित सिंह और बीडीओ मिठौरा राहुल सागर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने हालात का जायजा लिया और जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही बीमार गायों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया।

 

निरीक्षण के दौरान बजरंग दल के शत्रुध्न कसौधन, आलोक तिवारी, गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि गौ सेवा के नाम पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते हा नहीं सुधारे गए तो गौ सदन में और भी बड़ी संख्या में गायों की मौत हो सकती है। प्रशासन ने फिलहाल जांच के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की बात कही है। मामले की जानकारी लेने के लिये लगातार फोन की जानकारी लेने का कोशिश की गई, लेकिन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी हौसला प्रसाद को न्यूज 18 के संपादक राकेश त्रिपाठी द्वारा फोन से मो.9839030928 पर संपर्क करने की कोशिश की गई पर फोन नहीं उठा। जिम्मेदारी पद पर बैठे अधिकारी द्वारा फोन न उठाना अशोभनीय व निन्दनीय है जो विभाग पर सवाल उत्पन्न करता है।

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