*परली जलाने को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए जिलेभर में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक कार्रवाई की जिलाधिकारी:*

रिपोर्ट/नर्सिंग उपाध्याय महराजगंज 

उप सम्पादक 

महराजगंज, 17 नवंबर 2025, पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने आज कड़ा रुख अपनाते हुए जिलेभर में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक कार्रवाई की। पराली प्रबंधन में लापरवाही और फील्ड स्तर पर निगरानी में कमी पाए जाने पर विभिन्न अधिकारियों, थानाध्यक्षों, ग्राम प्रधानों एवं कृषि विभाग के कार्मिकों पर एक साथ कई कार्रवाइयाँ की गईं।जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि पराली जलाना कानूनन अपराध है और इससे पर्यावरण, जनस्वास्थ्य तथा मृदा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने पराली रोकथाम की समीक्षा के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में अपेक्षित कमी न आने पर उपनिदेशक कृषि सहित चारों तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिलाधिकारी ने उपनिदेशक कृषि को भी विभागीय निगरानी व नियंत्रण तंत्र को प्रभावी बनाने के सन्दर्भ में कड़ा निर्देश देते हुए सभी कार्मिकों को फील्ड में सक्रिय करने का निर्देश दिया।

कार्यवाही की जद में जनपद के 12 थाना प्रभारी भी आए हैं। जिले के श्यामदेउरवा, घुघली, सदर, कोठीभार, भिटौली, सिंदुरिया, पनियरा, चौक, निचलौल, नौतनवा, फरेंदा और बृजमनगंज थानों के थानाध्यक्षों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी क्षेत्र में रोकथाम, गश्त और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करना है, जिसके प्रति उदासीनता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में पराली जलाने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही थीं, वहां के ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है। डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर नेता सुरुहुआ, पिपरदेउरा, बसंतपुर राजा, बागापार, लखिमा और दुबौली के ग्राम प्रधानों को पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)(जी) के अंतर्गत नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त कार्यवाही पराली जलने की घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी का स्पष्ट निर्देश है कि ग्राम प्रधान स्थानीय स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनके स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कृषि विभाग के 30 एटीएम, बीटीएम और प्राविधिक सहायकों को भी किसानों के बीच समुचित जागरूकता न फैलाने और फील्ड में उपस्थिति सुनिश्चित न करने पर चेतावनी जारी की गई है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी कार्मिक अगले 24 घंटे के भीतर फील्ड में सक्रियता बढ़ाएँ और पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों को हर किसान तक पहुँचाएँ।

जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित होती है, इसलिए जिले में यह अभियान प्राथमिकता पर है। उन्होंने चेतावनी दी कि आगे से किसी भी स्तर की लापरवाही सामने आने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी महोदय ने स्पष्ट कहा है कि पराली जलाना अपराध है, और प्रशासन इस पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहा है।

जनपद में आज पराली जलाने की कुल 31 घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। जबकि अबतक कुल 285 घटनाएं हो चुकी हैं। आज कुल 340000 रुपए का जुर्माना आरोपित किया गया है। 86 लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की गई है, जबकि 02 कंबाइन मशीन सीज की गई है।

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