जनसूचना में मांगे गए बिन्दुओं के जबाबों से लड़खड़ा गया प्रांतीय लोक निर्माण विभाग, अधिनियम की धारा 8(1)J का हवाला देकर बचने की फिराक में…

रिपोर्ट /राकेश त्रिपाठी 

प्रधान संपादक 

  1. महराजगंज: जिले में प्रान्तीय लोक निर्माण विभाग अपने भ्रष्टाचार की सुर्खियां खूब बटोर रहा है। विभाग में सहायक अभियंता पद पर आसीन कर्ण सिंह से जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कुछ पांच बिंदुओं पर इनसे जनसूचना की मांग की गई थी।

 

आपको बता दे कि, जनसूचना की मांग करने वाले अरूण शंकर त्रिपाठी ने बताया कि, सहायक अभियंता कर्ण सिंह से कुल 5 बिंदुओं पर जनसूचना की मांग की गई थी जिसमें कर्ण सिंह के कार्यशैली से जुड़ा मामला था जिसके आख्या में इनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का करतूत पूरी तरह उजागर होता। जबाब में सहायक अभियंता ने जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 में उल्लेखित धारा 8(1)J व धारा 8(83) का जिक्र करते हुए जनसूचना को निजता तथा गोपनीयता के आधार पर निपटा दिया है। जो मांगे गए जनसूचना के तथ्यों से परे है। निजता तथा गोपनीयता का अधिकार वहां होता है जहां बात सिर्फ व्यक्ति विशेष की हो और जनसूचना के कुल पांच बिंदुओं में 4 बिंदु लोकहित से जुड़े हैं।

आवेदक ने बताया कि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में व जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8(1)J में दिए गए प्रावधानों के अनुसार सहायक अभियंता कर्ण सिंह द्वारा पूरी तरह से लगत तथ्यों के आधार पर अपना बचाव किया गया है। आवेदक ने बताया कि, दिए गए जबाबों में धारा 8(83) का जिक्र किया गया है जो धारा 8 के उपखण्ड से सुसंगत ही नहीं है। 

आवेदक ने बताया कि, अब वह लोक सूचना अधिकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय से जनसूचना की अपील करने के बाद उक्त विभाग में हुए भ्रष्टाचार के लिए कार्यवाही बाध्य होगा।

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