*कटका में स्वच्छ भारत मिशन की हकीकत उजागर, अधिकारियों की लापरवाही से उठे सवाल।*

मंडल ब्यूरो चीफ: धीरज प्रजापति गोरखपुर 

कागजों में स्वच्छता, ज़मीन पर गंदगी — कटका बना मिशन की असल तस्वीर।

 

महराजगंज, निचलौल।

जनपद महराजगंज के विकासखंड निचलौल अंतर्गत ग्राम पंचायत कटका में स्वच्छ भारत मिशन की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर गांवों को स्वच्छ, सुंदर और खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कटका गांव की जमीनी हकीकत इन दावों पर सवाल खड़े कर रही है। गांव में फैली गंदगी, अव्यवस्थित नालियां और कचरा प्रबंधन की बदहाल स्थिति अधिकारियों की लापरवाही को साफ उजागर करती है।

 

गांव के कई मोहल्लों में नालियों की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। जगह-जगह गंदा पानी जमा है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की गई हैं, जबकि नियमित निगरानी और वास्तविक कार्य धरातल पर नजर नहीं आता।

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर पर सफाई कर्मियों की तैनाती तो दिखाई जाती है, लेकिन नियमित सफाई नहीं होती। कई स्थानों पर कूड़ेदान न होने के कारण लोग मजबूरन सड़कों और खाली प्लॉटों में कचरा फेंकने को विवश हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं, जब गंदगी सड़कों पर फैल जाती है।

 

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण की औपचारिकता निभाई जाती है, लेकिन शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया तो स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।

 

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ग्राम पंचायत कटका में स्वच्छता कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों और जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो तथा नियमित सफाई, कचरा प्रबंधन और जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, ताकि गांव को वास्तव में स्वच्छ बनाया जा सके।

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