प्रांतीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 143.39 लाख रूपए की हुई भ्रष्टाचार की मांग करने पर सहायक अभियंता कर्ण सिंह की बचाव में हैं एक्सीईएन

रिपोर्ट/राकेश त्रिपाठी महाराजगंज 

प्रधान संपादक 

महराजगंज: लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड महराजगंज विगत कुछ माह पहले अपने किए गए घटिया व भ्रष्टाचार के कारनामों में खूब सूर्खियां बटोर रहा था। जिसके उपरांत पूर्व जिलाधिकारी अनुनय झा द्वारा लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड के पूर्व अधिशासी अभियंता धर्मपाल सिंह को नोटिस भी जारी की गई थी तथा शासन को भ्रष्टाचार संबंधी कई शिकायते भी भेजी गई थीं। जिसमें अनियमितताओं के घेरे में पाये जाने पर अधिशासी अभियंता धर्मपाल सिंह को महराजगंज से हटाकर लखनऊ कार्यालय अटैच किया गया था पर उस कारनामें में सह भागीदारी सहायक अभियंता कर्ण सिंह की भी थी। गौरतलब है कि, गाज सिर्फ अधिशासी अभियंता धर्मपाल सिंह पर गिरा था। 

 

जानिए क्या था पूरा मामला:

 

दरसल जिले के विशुनपुर गबडुआ का मामला उजागर होने के बाद जिले के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के गांव धनेवा धनेई में बिना सड़क बने लोकार्पण के शिलापट्ट लगाए जाने का मामला चर्चा में आ गया था पर लोक निर्माण विभाग में हुए सड़क घोटाला मामले में विभाग ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केंद्रीय मंत्री के बूथ पर लगे लोकार्पण शिलापट्ट हटा दिया था। भारत सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के गांव धनेवा धनेई में केंद्रीय मंत्री के बूथ पर लगे लोकार्पण शिलापट्ट को पढ़-पढ़ के लोग सड़क ढूंढ रहे थे पर सड़क का कोई ठीकाना नहीं था। विभाग द्वारा उक्त सड़क के नाम पर 143.39 लाख का घोटाला किया था। 

 

उक्त प्रकरण को प्रान्तीय लोक निर्माण विभाग ने दफन कर दिया था पर दिनांक 15/09/2025 को शिकायतकर्ता राकेश त्रिपाठी द्वारा फिर इस मामले को उजागर करते हुए आइजीआरएस के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भ्रष्टाचार से पुनः रूबर करवाया गया था और भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे सहायक अभियंता कर्ण सिंह की भी शिकायत की गई थी। पर विभाग ने शिकायत का निस्तारण बिना शिकायतकर्ता से आख्या लिए यूं ही हवा हवाई में उड़ा दिया। 

देखना यह होगा कि, जिलाधिकारी महराजगंज द्वारा उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की जाती है।

 

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