*धार्मिक स्थलों के समीप कूड़ा घर निर्माण का ग्रामीणों ने किया विरोध, उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन *ठूठीबारी के टोला धर्मौली में प्रस्तावित वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट को लेकर बढ़ा विवाद।*

रिपोर्ट/विप्लव मद्धेशिया

ठूठीबारी, महाराजगंज।

निचलौल तहसील अंतर्गत ठूठीबारी के टोला धर्मौली में प्रस्तावित प्लास्टिक/वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट (कूड़ा घर) के निर्माण को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सोमवार को ग्रामीणों ने एकजुट होकर उपजिलाधिकारी निचलौल सिद्धार्थ गुप्ता को संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपते हुए निर्माण कार्य को तत्काल रोकने की मांग की।

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रस्तावित कूड़ा घर का निर्माण छठ घाट, काली मंदिर और कब्रिस्तान जैसे पवित्र एवं धार्मिक स्थलों के आस-पास कराया जा रहा है, जो उनकी धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ है। उनका कहना है कि गांव के समीप पहले से ही एक आरसीसी सेंटर भवन निर्मित है, जहां इस वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण किया जाना अधिक उपयुक्त, सुरक्षित और जनहित में होगा।

ग्रामीणों ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि ग्राम सभा में पर्याप्त खाली भूमि उपलब्ध होने के बावजूद ग्राम प्रधान अजीत कुमार उर्फ अजय कुमार द्वारा धार्मिक स्थलों के बीच इस यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है। इससे न केवल गांव की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है, बल्कि भविष्य में छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों के संचालन में भी गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रामीणों ने आशंका जताई कि कूड़ा घर बनने से दुर्गंध, गंदगी और प्रदूषण फैलेगा, जिसका सीधा असर ग्रामीणों के स्वास्थ्य, पर्यावरण और नागरिक सुरक्षा पर पड़ेगा। इससे क्षेत्र में बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है।

ज्ञापन सौंपने वालों में सचिंद्र सिंह, राम प्रसाद चौधरी, विनोद कुमार मद्धेशिया, सुरेश मद्धेशिया, दीनानाथ मद्धेशिया, नरसिंह यादव, इसरावती देवी, मनसा देवी, रीना देवी, ज्योति देवी, सावित्री, राधिका देवी, कैलाशी सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट को आरसीसी सेंटर के निकट स्थानांतरित किया जाए।

ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच कर जनहित, धार्मिक आस्था और नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने की मांग की है। फिलहाल, ग्रामीणों की निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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